शाह का ममता को पत्र- ट्रेनों को बंगाल नहीं पहुंचने देना प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी, ऐसा करना उनके लिए परेशानी बढ़ाएगा

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा। इसमें आरोप लगाया केंद्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है। शाह ने बताया कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्य में उनके घर तक पहुंचाने की सुविधाएं दी हैं। पश्चिम बंगाल के श्रमिक भी वापस  जाना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार ट्रेनों को उनके यहां मंजूरी नहीं दे रही है।


अमित शाह ने कहा, 'ममता सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी कर रही है। ऐसा करना उनके लिए परेशानी खड़ी करेगा।'  उधर, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह अपने आरोपों को साबित करें या माफी मांगें। उधर, कांग्रेस नेता अंधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे आज पता चला है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 8 ट्रेनों के लिए कहा है। मेरी अमित शाह और राज्य सरकार से अपील है कि वे मिलकर काम करें और दूसरे राज्यों में फंसे बंगाल के श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करें।


ममता सरकार के दावे को रेलवे ने किया खारिज
रेलवे के अफसरों ने शनिवार को बताया कि ममता सरकार की तरफ 8 ट्रेन चलाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया। अभी तक रेलवे ने राजस्थान और केरल से दो ट्रेनें पश्चिम बंगाल के लिए चलाई हैं। तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया था कि ममता सरकार ने कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और तेलंगाना से रेलवे से आठ ट्रेनें चलाने को कहा है। इसमें एक ट्रेन हैदराबाद से मालदा के लिए शनिवार को शेड्यूल है। रेलवे के अफसर ने बताया कि शनिवार को 47 ट्रेनें शेड्यूल हैं, लेकिन एक भी ट्रेन पश्चिम बंगाल नहीं जाएगी।  


ट्रेनों से ढाई लाख से ज्यादा लोगों का फायदा मिला 
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया था, 'श्रमिकों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घर पहुंचाने के लिए 222 विशेष ट्रेनें चलाई हैं। इससे ढाई लाख से ज्यादा लोगों को फायदा मिला।' शाह ने अपने बयान में सिर्फ मजदूरों का आंकड़ा बताया है।


कोरोना मौतों पर भी केंद्र-बंगाल सरकार में तकरार 


कोरोना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच यह नया विवाद पैदा हो गया है। इससे पहले कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर दोनों सरकारें आमने-सामने थीं। केंद्र और बंगाल सरकार मौतों के अलग-अलग आंकड़े जारी कर रही हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना के 1678 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 323 ठीक हुए हैं और 160 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन ममता सरकार का कहना है कि राज्य में 70 मौतें हुई हैं। बाकी मरीजों की मौत दूसरी बीमारियों की वजह से हुईं।


कोविड टीम को लेकर भी विवाद हो चुका है 



  • पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच कोविड टीम को लेकर भी विवाद हो चुका है। अप्रैल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम को राज्य में भेजने पर आपत्ति जताई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने तो यहां तक कह दिया था कि गुजराज में कोरोना संक्रमण से हालात ज्यादा खराब हैं, लेकिन केंद्र की टीमें वहां नहीं भेजी जातीं। 

  • केंद्र सरकार ने राज्यों में संक्रमण के हालात का जायजा लेने के लिए छह इंटर मिनिस्ट्रियल टीमें गठित की हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को इस संबंध में निर्देश भी जारी किया गया था। इसके बाद ही एक केंद्रीय टीम कोलकाता और दूसरी टीम जलपाईगुड़ी पहुंची थी। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी को कोरोना संवेदनशील बताया था।


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